भोपाल (हरीश दिवेकर) : लिव-इन-रिलेशनशिप की प्रासंगिकता पर उठते सवालों
के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लिव-इन संबंधों को संरक्षण देने के लिए
कानूनी प्रावधान करने जा रही है। प्रदेश की नई महिला नीति-2013 के
प्रस्तावित मसौदे में लिव-इन-संबंधों को संरक्षण देने का प्रावधान है।
इसमें सरोगेट मदर और बच्चे के अधिकार और संरक्षण की बात भी कही गई है।
हालांकि अभी इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय भी शादी पूर्व यौन संबंधों और लिव-इन-रिलेशनशिप पर अपनी मुहर लगा चुका है।
प्रशासनिक अकादमी की महानिदेशक आभा अस्थाना की अध्यक्षता में नई महिला
नीति को लेकर 39 पेज का प्रारूप तैयार किया गया है। इसमें ग्रामीण महिलाओं
के अधिकारों के संरक्षण के लिए वर्ष में एक बार प्रत्येक ग्राम पंचायत में
महिला पंचायत करने और इसके फैसलों का कड़ाई से पालन कराने का प्रावधान है।
मसौदे में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसद आरक्षण की बात कही गई है।
यह महिला नीति 2017 तक वैध रहेगी। मसौदे में महिलाओं एवं बालिकाओं के
संरक्षण, सुरक्षा एवं उनके विकास के लिए 15 बिंदुओं पर फोकस है। राजनीति
में भी समान अधिकार सुनिश्चित करने को कहा गया है। 73-74 वें संविधान
संशोधन का हवाला देते हुए कहा गया है कि पंचायत संस्थाओं एवं नगरीय निकायों
में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाए। प्रारूप में ऑनर
किलिंग के मामले में कड़े दंड के प्रावधान की सिफारिश की गई है।
प्रस्तावित प्रारूप में राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं के
प्रति शिष्ट संवादों के लिए जवाबदेही की बात कही गई है। हाल ही में मध्य
प्रदेश के कई नेताओं ने ऐसे भाषण दिए जिन्हें महिलाओं के प्रति अपमानजनक
माना गया। ऐसे ही एक मामले में मंत्री विजय शाह का इस्तीफा भी हो चुका है।
स्त्रोत : जागरण संकेतस्थळ
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